Sunday, 12 August 2012

रुत-ए-बहार

बहुत दिनों के बाद होंटों पर हँसी आयी,
किसका असर है खुशी से आँख भर आयी,

खाली हथेली पर गुलशन-ए-फूल खिल गए,
खिज़ाओं के मौसम में रुत-ए-बहार आयी,

बहुत दिनों के बाद होंटों पर हँसी आयी,
किसका असर है खुशी से आँख भर आयी ...

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