अरे ये क्या मंज़र दिखाया है,
शांत से समंदर में तूफान आया है,
इस धुएँ की काली चादर ने ढक दिया है आसमां,
सवेरा होने को बड़ा तरसाया है ......(इन्दु लडवाल)
शांत से समंदर में तूफान आया है,
इस धुएँ की काली चादर ने ढक दिया है आसमां,
सवेरा होने को बड़ा तरसाया है ......(इन्दु लडवाल)
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