ना विरानो को थी खबर तेरे जाने की सनम,
तू मुद्द्तों से फ़िराक में था शायद,
कोई चाहे की मिले कोई अपना साया,
तुम मिले ना मिलने जैसा था आलम,
ए खुदा दिल पे गुज़र जाती है कितनी बातें,
बनके संगदिल तुम अक्सर जाया ना करो ...
तू मुद्द्तों से फ़िराक में था शायद,
कोई चाहे की मिले कोई अपना साया,
तुम मिले ना मिलने जैसा था आलम,
ए खुदा दिल पे गुज़र जाती है कितनी बातें,
बनके संगदिल तुम अक्सर जाया ना करो ...
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