ताल्लुक तो तेरा
होता होगा कितनो से,
हमारा भी जिक्र
हमारा भी जिक्र
छेड़ दिया कीजिये,
गम बिकते नहीं हमारे,
कोई सोदा तो तय करा दीजिये,
कितने बरसों से इन्हें
सहेज कर रक्खा हमने,
अब नहीं चाहिएबिक जाये तो बिका दीजिये,
वैसे तो मुमकिन नहीं है
गम के बिना जीना
पर संभाल जायेगा दिल
कुछ वक़्त के बाद........................... ......(इंदु)
गम बिकते नहीं हमारे,
कोई सोदा तो तय करा दीजिये,
कितने बरसों से इन्हें
सहेज कर रक्खा हमने,
अब नहीं चाहिएबिक जाये तो बिका दीजिये,
वैसे तो मुमकिन नहीं है
गम के बिना जीना
पर संभाल जायेगा दिल
कुछ वक़्त के बाद...........................