tag:blogger.com,1999:blog-80017826824186486462024-03-14T23:31:54.272+05:30Jharokha (Skylight)इंदु लडवाल - नज़्म बांकी है, अभी से लोग क्यूँ उठने लगे, अभी तो ख्यालाते मन, कुछ कहने को बेचैन हैIndu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.comBlogger84125tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-35870565733000141702012-08-13T10:47:00.001+05:302012-08-13T10:47:49.311+05:30मै जिन्दा हूँ
साँसों का आना जाना ही जीवन हैतो हाँ मै जिन्दा हूँ ...
लबों का मुस्कुराना ही गर हँसी हैतो हाँ मै खुश हूँ ...
महक दिल जलने की गर खुशबू हैतो हाँ मै गुलशन हूँ ...
ढहर जाना ही गर मेरा मुकद्दर है तो हाँ मै मंज़िल हूँ ...
खुदी को रोंदना गर मेरी फितरत हैतो हाँ मै ज़ालिम हूँ ...
साँसों का आना जाना ही जीवन हैतो हाँ मै जिन्दा हूँ ...
Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-30322175018048022422012-08-13T00:52:00.001+05:302012-08-13T00:52:55.100+05:30आने वाला है .....
सब दुःख हरनी मंगन करनी वो आनेवाला है ...... सबको नाच नचाने वो आने वाला है .... बंसी बजैया गौ चरैयाआने वाला है ..... मन को भाने मीत बनाने वो आने वाला है ..... सब मिलकर मचाओ धूम वो आने वाला है ...... नन्द का लाला मुरलीमनोहर आने वाला है ....... Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-72510287078470182952012-08-13T00:50:00.001+05:302012-08-13T00:50:09.383+05:30झाँकता एक साया ,,,
भूले ही कभी कोई इस घर तक आया होगा आवाज़ लगाई होगी दरवाज़ा खटखटाया होगा उन दस्तकों से कोई जवाब ना पाया होगा मायूस वो फिर अपने रास्ते लौट आया होगा इस घर में रहती तन्हाई का आलम-ए-गम उस अंजान के कदमों से वाबस्दा नहीं होगा यूँ तो खिड़कियों से रोज़ झाँकता एक साया (बाहर को) जाने किस चेहरा-ए-खास को पहचानता होगा ........(इन्दु लडवाल)Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-45565072083930472392012-08-13T00:46:00.001+05:302012-08-13T00:46:26.100+05:30अंतर-आत्मा
रात भर कुछ खटकता रहा जाने क्या करवटें बदलता रहा ...... आंधियां चलती रहीं तूफान सा आता राह रात भर कुछ खटकता रहा जाने क्या करवटें बदलता रहा ......
उस शोर का पीछा भी किया हाथ कुछ नहीं मेरे आया रात भर कुछ खटकता रहा जाने क्या करवटें बदलता रहा ....... आसमान में दूर कहीं एक कोना गरजता रहा रात भर कुछ खटकता रहा जाने क्या करवटें बदलता रहा ...... जाने क्या था उसकी बात में मैं सोच में डूबी रही रात Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-66898038053603080052012-08-13T00:44:00.001+05:302012-08-13T00:44:29.130+05:30थामा है हाथ तेरा..
अन्जाने रास्तों पर चलने का मुझको डर है थामा है हाथ तेरा रस्ता गम-ए-नज़र है....... मेरे महबूब किस नाम से करूँ बयाँ तुझको तू तो हर चीज़ में हर शख्स में समाया है......
अब तो ख्वाबों की जरुरत भी नहीं लगती सुबह से शाम तक तू मेरा हमसाया है........ (इन्दु लडवाल)
Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-13768624906873187782012-08-13T00:42:00.001+05:302012-08-13T00:58:04.295+05:30बूँदों की तरहा
कभी तुम भी चले आया करो
सावन की बूँदों की तरहा
भीगा दो तन मिटा दो
विरहा की अग्नि तपाती है ..Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-43317017154698442462012-08-13T00:40:00.001+05:302012-08-13T00:40:56.848+05:30कभी कभी दिल खाली रखना चाहिये ....
कभी कभी यूँ ही दिल खाली रखना चाहिये ....... कोई नश्तर-ए-दुश्मनी चुभा जाता है कभी तो कोई प्यार से
ज़ख्म भर जाता है ऐसे रिश्तों से दूर रहना चाहिये कभी कभी दिल खाली रखना चाहिये .... वक्त नहीं मिलता खुद को सोचने का और कभी बेवक्त ही तन्हाइयाँ घेर लेती हैं ऐसे लम्हों से दूर रहना चाहिये कभी कभी दिल खाली रखना चाहिये ... रो रो के कभी हमने ऑंखें सुजाई हैं कभी हँसते हँसते दर्द की पीड आई है ऐसे Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-4155195155823669752012-08-13T00:38:00.001+05:302012-08-13T00:38:38.929+05:30रुके रुके से कदम ...
ये रुके रुके से कदम तेरे हाय! क्या गज़ब कर जाएँगे पास भी ना आएंगे ये दूर ही ना ये जाएँगे ज़र से अठखेलियाँ ना कर बेमौत ही मर जाएँगे खुशी झलक ना पायेगी ना आँसू ही बहा पाएँगे है प्यार भी अनोखा तेरा ना जीने दे ना मरने दे कुछ सुकूं मिला हमें कभी बेकरारी पाएँगे ..........(इन्दु लडवाल)
Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-21978437706849312622012-08-13T00:36:00.001+05:302012-08-13T00:36:53.361+05:30कान्हा की मुरली ...
कान्हा की मुरली बाजी है मस्त भये सब गोपीजन छोड़ झाड काम आपनो सब तेरे पाछे लागी हैं रूप अनंत हैं कृष्णा केहाथों में मुरली साजी है तेरा मेरा नाता जाने किस जुग हम संगी साथी हैं आरती गाऊँ तिलक लगाऊं तू मंद मंद मुस्काए है क्या जाने क्या सोचे तू दुनिया पागल पीछे है तेरी मेरी बातें हैं ना राधा है ना मीरा है हो प्राण-प्यारी मन-हरनी हम दोनों हमराज़ हैं जय श्री कृष्णा .....(इन्दु लड्वाल)
Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-33795235090726600472012-08-13T00:34:00.001+05:302012-08-13T00:59:04.060+05:30जख्म-ए-याद
मोहब्बत में अगर ये डर भी ना हुआ,
तो क्या रह जायेगा तेरे मेरे दरमियाँ,
याद आती रहे दिल दुखाती रहे,
हरा सा रहे ये जख्म-ए-यादों का निशाँ ...Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-65085715683203898802012-08-13T00:31:00.001+05:302012-08-13T00:31:50.546+05:30मेरा नन्दकिशोर ......
गोकुल की गलियों में वृन्दावन की गलियों में मथुरा की नगरी में कर गया शोर वो तो भागा भागा भागा मेरा नन्दकिशोर ......
अखियन से जादू कर गयो रे मन बैरागी कर गयो रे दुनिया से मोह छुडायो वो तो भागा भागा भागा मेरा नन्दकिशोर ...... काउ की मटकी फोड़ गयो रे काउ को माखन खा गयो रे भूख अनंत मेरे प्रभु की वो तो भागा भागा भागा मेरा नन्दकिशोर ...... ब्रज की गोपियों से खेलत है मन को बड़ा ये मोहत है है Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-8686367123598514392012-08-13T00:29:00.001+05:302012-08-13T00:29:28.450+05:30सुन ले अरज मेरी ....
बंसी की धुन सुन-सुन मै बावरी भई, सुध-बुध सब बिसरा मैं काँ कू गयी सब पाछे तेरे जे गोपियाँ पगली भई
काम नाही कछु बस तेरो धुन लगो फिर आज तू आजा गोकुल अपने सब मिलकर रास रचावेंगे प्रभु हट ना करियो जल्दी आईयो रस्ता सब मिल देखेंगे प्रभु .....(इन्दु लडवाल)
Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-64460052001047741482012-08-13T00:27:00.001+05:302012-08-13T00:27:02.189+05:30प्यार की परिभाषा ?????
क्या तितलियों के रंग में डूब जाने का मन करता है ? पंछियों की तरहा दूर आकाश में उड़ने लगती हैं ख्वाइशें ?
मैं को जानती नहीं मैं और उसमे खो जाती हूँ ? लब मेरे हिलते हैं और बातें बस उसकी होती हैं ? बारिश की बूँदें गिरतीं हैं सर्द फिर शोले बन जाती हैं ? बदन मेरा होता है पर महक उसकी आती है ? बिना कहे उसके क्या मै सब समझ गयी ? क्या कोई शब्द ज़रुरी नहीं है बयाँ करने को ? बिना संगीत मेरे Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-31492235698066135372012-08-13T00:23:00.001+05:302012-08-13T00:23:55.156+05:30
bada gamgeen mausam chaya hai, vivadon me ghira paya hai, kuch pal hansi ke bhi guzar lo, kal per jane kiska saya hai ...........(indu ladwal)
Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-69739915954358303182012-08-13T00:21:00.001+05:302012-08-13T01:00:05.170+05:30भारत कह देंगे
सब मिलकर कुछ करें प्रयास
बीज बोयें दोस्ती के जातियों में
दिलों में डालें मोहब्बत की खाद,
फिर जो पनपेगा पोंधा
उसको भारत कह देंगे...Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-50676407175967032162012-08-13T00:20:00.001+05:302012-08-13T00:20:09.112+05:30शांत से समंदर में तूफान ...
अरे ये क्या मंज़र दिखाया है, शांत से समंदर में तूफान आया है, इस धुएँ की काली चादर ने ढक दिया है आसमां, सवेरा होने को बड़ा तरसाया है ......(इन्दु लडवाल)Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-66259944914281997712012-08-13T00:10:00.001+05:302012-08-13T00:10:33.780+05:30हिंसा की आग ...
आग के शोले बरस रहें है दिल टूटे सब टूट रहें हैं कौन है जाने इसके पीछे क्यूँ आपस में झगड़ रहे हैं ..... तूने मैंने करके सब मिट्टी में मिला रहे हैं...
धर्म जाती के भेदभाव कर अपना लहू क्यूँ बहा रहे हैं .... पेंच लड़ाये राजनीती कानून बना है खेल अपनी अपनी सोचे हैं सब कहीं वो बच्चे बिलख रहे हैं ..... जिनका है सामर्थ वो मूक बने बैठे हैं और बचे हैं जो हम जैसे वो कविता बना रहे हैं ..... (इन्दु Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-271580410590996362012-08-13T00:08:00.001+05:302012-08-13T00:08:24.950+05:30सलीका ना सिखा ....
यूँ मुझे छोड़ के दुनिया में तमाशा ना बना या तो क़त्ल कर दे या सलीका ना सिखा ....... वक्त की आँधियों को झेला किये हम शाख से टूट कर भी देखा मंज़र-ए-तूफां ढल गए हैं इसी साँचे में ता उम्र के लिए ऐसे हालात में तुम कोई नसीहत ना करो ..... मेरे माज़ी तेरा एहसान ता-उम्र मुझपर...
कैसे करूँ अदा की हम तो लुट चुकें है चंद लम्हात ले आयीं हूँ चुरा तेरे वास्ते इससे ज्यादा की तुम मुझसे उम्मीद ना करो ...... Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-5831834627935400072012-08-13T00:05:00.001+05:302012-08-13T00:05:40.766+05:30
शब्दों को बांधना है, दिलों को टटोलना है,
किसी हँसी की आवाज़ सुनाई दे,
कहीं रोने की वजह मिले....
कहीं दूर से बारिश की महक आये,
कुछ सर्द हवा छु जाये तो लिख दूँ .......Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-16489484994359417862012-08-13T00:03:00.001+05:302012-08-13T01:00:58.097+05:30
वो मेरे दोस्त नब्ज़-ए-मोहब्बत पकड़ने आये
और ले गए दर्द का सैलाब...Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-83380000025353233532012-08-13T00:02:00.001+05:302012-08-13T00:02:19.995+05:30
मेरी दुआओं के साथ रहा करो, मुझे भूलने की आदत है .........(इन्दु लड्वलIndu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-79993725856879020232012-08-12T20:46:00.001+05:302012-08-12T20:46:21.301+05:30मै गुनेहगार नहीं ....
मुझसे नफरत ना करो मै गुनेहगार नहीं वक्त की ऐसी आँधियों में तुम भी कभी चला करो मेरे बारे में कोई राय कायम ना करो मेरा जीना तुम भी कभी जीकर देखो ........(इन्दु लडवाल)Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-34294244817352658012012-08-12T20:44:00.001+05:302012-08-12T20:44:31.122+05:30अंजान बस्तियों में ....
अंजान बस्तियों में ना जाया करो अकेले कौन खजर-ए-मोहब्बत चुभा दे पता नहीं ..... शीशे का है दिल पत्थर का ज़माना कौन नाज़ुक-ए-दिल तोड़ दे पता नहीं ........
हम तो बदनाम हुए तुम ख़ैर रखना अपनी कौन बेवजह ही मशहूर कर दे पता नहीं ....... झूठ के दायरे बने नहीं सच्चाई का इमान नहीं कौन झूठा कह दे सच्चाई से पता नहीं ....... अंजान बस्तियों में ना जाया करो अकेले कौन खजर-ए-मोहब्बत चुभा दे पता नहीं .........Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-86796017796250266462012-08-12T20:40:00.003+05:302012-08-13T01:03:35.360+05:30शब्दों की लिए कतार
शब्दों की लिए कतार
इन्हें मैं बांध आज ले आई हूँ
कुछ हँसते कुछ गम के
पल बिताने यहाँ पर आई हूँ ...
जीवन है इक बहती नदिया
हम सब इसकी कश्ती हैं
बहते रहना उफ़ ना करना
भँवर हो या तूफान कोई ...
लड़ने से होगा क्या हासिल
प्यार गीत मै गाऊँ कोई
सब एक बंधन में बंध जाएँ
ऐसी डोर लगाऊं कोई ...
पतझड़ के मौसम में नाचूँ
खिजाओं से मै प्यार करूँ
रहने ना दूँ भेदभाव मैं
ऐसी जुगत लागाऊँ कोई ...
प्यार नफरत के बीज कोIndu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8001782682418648646.post-88752762073834314822012-08-12T20:39:00.001+05:302012-08-12T20:39:02.310+05:30
कुछ हँसी के पल बिताए आप के साथ कुछ ग़मों के गीत गाये आप के साथ सोये जागे कितनी बार फिर भी कम लगा ये वक्त जो बिता बड़ा सुन्दर लगा आपके साथ .......(इन्दु लडवाल)Indu Ladwalhttp://www.blogger.com/profile/02261171610111775648noreply@blogger.com0