Wednesday, 18 April 2012

इश्क़

ये मुर्दे से पड़े लोगो कहाँ से आए हैं,
ना आँखों में पानी है और ना जवानी है,
सूखे पत्तों से बिखरे हुए हैं ये,
सीने में ना धड़कन है ना खून में रवानी है,

कुछ सुना किया करते थे हम,
ये लोग हैं वो जो इश्क़ में थे ...

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